स्टडी रूम वास्तु

कैसे बनाये वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी रूम? बनाये अपने बच्चों को आइंस्टीन से भी तेज

ये तो हम सभी जानते है की शिक्षा यानि पढाई का हमारे लिए कितना महत्व है। शिक्षा व्यक्ति के चरित्र और जीवन का निर्माण करती है। सभी माता पिता चाहते है की उनका बच्चा अच्छे से पढाई करे और एग्जाम में अच्छे नंबर ला कर अपना और परिवार का नाम रोशन करे, लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ स्टूडेंट्स बहुत मेहनत करने के बाद भी अच्छे नंबर नहीं ला पाते है। या फिर किसी का पढ़ने में मैं ही न लगता हो। । ऐसी बहुत सारी प्रॉब्लम्स होती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी रूम कैसे तैयार करें

इसका एक बड़ा स्टडी रूम में चीजों का ठीक से ना रखा हुआ होना भी हो सकता है । स्टडी रूम को वास्तु शास्त्र के अनुसार मैनेज करके और कुछ उपाय करके इन सारी प्रॉब्लम्स को दूर कर सकते है। चलिए जानते है कि वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी रूम किस तरह से होना चाहिए।

12 वास्तु टिप्स फॉर स्टडी रूम डिजाइन

  • स्टडी रूम को दक्षिण या दक्षिण-पूर्व दिशा में कभी नहीं होना चाहिए। इस दिशा में अगर स्टडी रूम होना अशुभ होता है और तनाव दे सकता है।
  • इस रूम की दीवारों और फर्नीचर पे काला, लाल और गहरे नीले रंग का पेंट भी नहीं होना चाहिए।
  • अगर स्टडी रूम उत्तर-पूर्व दिशा में होता है तो वहां पर आपको सरस्वती माँ की और गणेश जी की फोटो लगानी चाहिए। ऐसा करना शुभ होता है और स्टूडेंट का पढ़ाई में मन लगा रहता है।
  • स्टूडेंट्स को कोशिश करनी चाहिए कि वे जितना हो सके उत्त्तर-पश्चिम दिशा में बैठ कर पढाई न करे, क्योंकि इस दिशा में बैठ कर पढ़ने से पढ़ाई में मन नहीं लग पाता है और एकाग्रता (कंसंट्रेशन) भी नहीं बन पाती है।
  • स्टडी टेबल चोकोर होनी चाहिए जिस से एकाग्रता बढ़ती है। इस टेबल को दरवाजे या दीवार से चिपका कर नहीं रखना चाहिए।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी रूम कैसा होना चाहिए

दीवार और टेबल के बीच दूरी होना बहुत जरुरी है, इस से बच्चे का पढाई में इंटरेस्ट बढ़ेगा। लाइट के नीचे या लाइट की परछाई पड़ती हो ऐसी जगह पर भी स्टडी टेबल ना रखें वर्ना गलत प्रभाव पड़ेगा।
स्टडी रूम में बहुत भरी बुक्स, फाइल्स और सोफ़े को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना चाहिए और इस रूम में टीवी रखना अच्छा नहीं होता है।
फालतू सामान इस रूम में न रखे। स्टडी रूम के बीच के भाग को खाली और साफ़ रखे जिस से रूम में पॉजिटिव एनर्जी आएगी।

स्टडी रूम का कलर

कभी भी टॉयलेट के पास स्टडी रूम न बनवाए और जितना संभव हो सके रूम में हल्के रंगो (लाइट कलर्स) का यूज़ करे।
हल्का पीला रंग, हल्का गुलाबी और आसमानी रंग और हल्का हरा रंग उसे करना शुभ होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी रूम में बुक्स की अलमारी(कप्बोर्ड) को पूर्व या उत्तर दिशा में बनवाना चाहिए और उसकी 8 दिन में एक बार साफ़ सफाई जरूर कर लेनी चाहिए। इस अलमारी में गणेश जी की फोटो लगाकर रोजाना पूजा करनी चाहिए।
स्टडी रूम में कभी सोना नहीं चाहिए और फालतू की बाते या बुरी हरकतें भी नहीं करनी चाहिए।
यह माँ सरस्वती का पवित्र स्थान होता है, तो यहाँ पर आप धार्मिक पुस्तकें पढ़े, ध्यान और योग करे और आध्यात्मिक बातें करे। अगर बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है तो कमरे में बगुले की फोटो लगाइए जिस से वो एकाग्र हो पायेगा।
इस रूम में युद्ध और लड़ाई झगडे वाले चित्र या खतरनाक जानवरों के चित्र या मूर्तियां भी नहीं रखे।

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अछि गुरुजनो की और सरस्वती माँ की फोटोज और अपने आदर्शवादी व्यक्तियों (आइडियल पर्सन्स) की फोटोज लगाना बहुत अच्छा होता है।

जो स्टूडेंट्स रिसर्च और गम्भीर सब्जेक्ट्स की पढ़ाई कर रहे है उनका स्टडी रूम पश्चिम दिशा में होना चाहिए क्योंकि शनि पश्चिम दिशा का स्वामी है और खोजी और गम्भीर गृह है तो ये स्टूडेंट्स की रिसर्च में मदद करता है।
स्टडी टेबल को पूर्व या उत्तर दिशा में रखे और पढाई करते टाइम मुंह उत्तर या पूर्व दिशा में रखे।
इन दिशाओं में मुंह करके पढ़ने से आपको पॉजिटिव एनर्जी मिलती है, याददाश्त बढ़ती है और ज्ञान का विकास होता है।
वास्तु के अनुसार स्टडी रूम में खिड़कियां (विंडोज) या रोशनदान पूर्व-उत्तर या पश्चिम दिशा में होना शुभ होता है और दक्षिण दिशा में होना अशुभ माना गया है।

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