वास्तु के अनुसार बोरिंग कहाँ होना चाहिए

वास्तु के अनुसार बोरिंग कहाँ होना चाहिए

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वास्तु हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण है यह हम सब जानते है। व्यक्ति, घर, परिवार, मित्र, फैक्ट्री, कारखाना आदि सभी जगह पर वास्तु का ध्यान रखना बहुत जरुरी है। घर में हर छोटी से बड़ी चीज का ध्यान वास्तु के हिसाब से रखना जरुरी है अन्यथा बाद में तकलीफ हो सकती है।
वास्तुशास्त्र दिशा हमें ये बताती है की कोनसी चीज किस दिशा में बनवानी है । ऐसी ही एक सुविधा पानी की भी है जिसमे भी वास्तु का ख़ास ध्यान रखना जरुरी है। हर घर में पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए बोरिंग/कुआं/भूमिगत पानी की टंकी आदि बनाते है जहां पानी का भण्डारण हो सके और घर के सदस्यों को बिना तकलीफ के पानी मिल सके।

वास्तु के अनुसार बोरिंग की भी एक ख़ास दिशा होती है और उस दिशा का ध्यान रखना बहुत जरुरी है। इसके अलावा बोरिंग को लेकर कुछ दिशा-निर्देश भी वास्तु में बताये गए है जिनका पालन करना बहुत जरुरी है। आईये जानते है वास्तु के हिसाब से बोरिंग कहाँ होना चाहिए?

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वास्तु के अनुसार बोरिंग कहाँ होना चाहिए

बोरिंग के लिए वास्तु में पूर्वी ईशान या उतरी ईशान कोण को सही बताया गया है। अगर इस दिशा में संभव ना हो तो उतर दिशा में भी बोरिंग का निर्माण करवाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहें इस दिशाओं के अलावा किसी दिशा में बोरिंग का निर्माण करवाना वास्तु के हिसाब से अशुभ माना जाता है।

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वास्तु में बोरिंग को लेकर दिशा-निर्देश

बोरिंग मेन गेट या मुख्य द्वार के सामने नहीं होना चाहिए। इसके अलावा बाथरूम की नाली या सैप्टिक टेंक के पास भी बोरिंग नहीं बनवाना चाहिए। बोरिंग के लिए ऐसे स्थान का चयन करें जहां आना-जाना भी कम हो और न कीचड़ ना हो।
घर में बोरिंग सही स्थान पर होने से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य सही रहता है और घर में सुख-शान्ति रहती है।
बोरिंग पूर्व दिशा में होने पर मान-सम्मान और ऐश्वर्य में वृद्दि होती है।

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