सेप्टिक टैंक वास्तु
हमारे जीवन और ज्योतिष शास्त्र दोनों में ही सेप्टिक टैंक का बड़ा महत्व है। चाहे घर बनाना हो या कोई नया काम शुरू करना हो सब चीजें वास्तु के हिसाब से करना ही उचित रहता है। इसलिए लोग नया काम करने से पहले मुह्रुत निकालते है ताकि काम सही तरह से पूरा हो और बिगड़े नहीं। जिस जगह हम रहते है वहां की दिशा भी सही हो इसका भी बहुत ध्यान रखना होता है। बाथरूम, पूजा घर, रसोई, टैंक सब सही दिशा में होने चाहिए।
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ऐसे ही सेप्टिक टैंक वास्तु के अनुसार घर में होना बहुत जरुरी है। आज की इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे की
- वास्तु के अनुसार सेप्टिक टैंक क्यों और कहाँ होना चाहिए?
- सेप्टिक टैंक निर्माण क्यों करना चाहिए?
सबसे ख़ास बात तो यह है की घर में मल-मूत्र और अपशिष्ट पदार्थों के निर्वहन के लिए सेप्टिक टैंक बनाना बहुत जरुरी है।
वास्तु के अनुसार सेप्टिक टैंक : इसमें सबसे बड़ी गलती यह कर देते है की इसे घर में कहीं पर भी बना देते है और लोग इसे जरुरी नहीं समझते। लेकिन लोग नहीं जानते की गलत दिशा और गलत स्थान पर सेप्टिक टैंक का निर्माण करने से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु के हिसाब से सेप्टिक टैंक मुख्य द्वार पर होना चाहिए।
वास्तु के अनुसार सेप्टिक टैंक
सेप्टिक टैंक की जरूरत कुछ दशकों पहले ही अस्तित्व में आई लेकिन आज यह हर घर की जरूरत बन गया है। सेप्टिक टैंक के निर्माण के लिए जमीन के नीचे एक गड्डा बनाया जाता है। वास्तु के अनुसार गड्डा बनाते समय किसी चीज की कमी नहीं रहनी चाहिए अन्यथा घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और साथ में अनेक तरह की समस्याएं भी आ सकती है।
वास्तु के अनुसार सेप्टिक टैंक कहाँ होना चाहिए
सेप्टिक टैंक कहाँ बनाना चाहिए?
वास्तु के अनुसार घर का सेप्टिक टैंक का निर्माण इस तरह करना चाहिए की इसका मुहं कभी भी दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पूर्व दिशा की और ना हो। सेप्टिक टैंक के लिए सबसे सही जगह उत्तर-पश्चिम की दिशा मानी गई है।
सेप्टिक टैंक के जल की निकासी पूर्व दिशा की और हो तथा मल और अपशिष्ट पदार्थों की निकासी पश्चिम दिशा की और हो। सेप्टिक टैंक की लम्बाई पूर्व-पश्चिम दिशा की और तथा चोड़ाई उत्तर-दक्षिण दिशा की और होना सही माना जाता है। इसे घर के मुख्य दीवार से कुछ दुरी पर बनाये। इस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए की बाथरूम की नाली का पाइप पश्चिम अथवा उत्तर-पश्चिम दिशा की और हो और रसोईघर की जल निकासी का पाइपपूर्व अथवा उत्तर की दिशा में हो।
इस बात का हमेशा ध्यान रखें की जल निकासी का पाइप दक्षिण दिशा की और नहीं होना चाहिए। अगर गलती से दक्षिण दिशा में इसका निर्माण हो गया है तो कम से कम ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए की जल निकासी पूर्व अथवा उत्तर दिशा से हो।
सेप्टिक टैंक वास्तु दोष
कभी भी सेप्टिक टैंक को पूर्व दिशा में नहीं बना चाहिए क्योंकि यह दिशा शुद्द और देवीय मानी जाती है और इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। इसी तरह दक्षिण-पश्चिम घर का सबसे शांत एरिया होता है जिसमे घर के लोग आराम करते है, इसलिए इस दिशा में भी सेप्टिक टैंक का निर्माण नहीं करना चाहिए अन्यथा घर में नकारात्क ऊर्जा आ सकती है, जिसके कारण बैचेनी, सिर दर्द, घबराहट, लड़ाई-झगड़े, व्यपार में नुकसान, पुलिस केस आदि हो सकते है और इसका असर घर के मालिक पर ज्यादा पड़ता है।
सेप्टिक टैंक वास्तु दोष निवारण
अगर सेप्टिक टैंक गलत दिशा में बन गया हो तो क्या करें? अगर सेप्टिक टैंक गलत दिशा में बन गया है तो उसे हटाना ही सबसे सही उपाय है लेकिन आप निचे दिए गए उपायों को अपनाकर कुछ दोषों को दूर कर सकते है। ·घर के उत्तर-पूर्व में फाउन्टेन या फिश एकेरियम लगायें।
- घर के बाहर बड़ा स्वस्तिक बनाये।
- समय-समय पर घर में पूजा-पाठ और हवन कराएँ।
- दरवाजे पर ॐ अथवा त्रिशूल लगाये।
- घर के अंदर और बाहर गणेश जी की तस्वीर लगाये।
- घर के हर कमरे में पिरामिड रखें।
- घर के उत्तरी क्षेत्र में मनी प्लांट लगायें।