वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का नक्शा

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का नक्शा कैसा होना चाहिए (दक्षिणा मुखी)

कुछ लोग सोचते है की घर का दक्षिणा मुखी होना अशुभ होता है और इस तरह के मकान में रहने वाले लोग कभी सुखी नहीं रह सकते। लोगों का मानना है की दक्षिण दिशा यमराज की दिशा है ऐसे में इस दिशा में बनाये गये घरों में रहना खतरनाक है। ऐसे में इस दिशा में बने मकान काफी समय तक खाली पड़े रहते है और उन्हें बाद में कम कीमत में बेचना पड़ता है।

लेकिन ऐसा कुछ नहीं है यह हमारी गलतफहमी है। अगर वास्तु के हिसाब से दक्षिणामुखु भवन बनाए जाए तो यह दूसरी दिशाओं की तुलना में ज्यादा यश और सम्मान देते है। परिवार में ख़ुशी का माहौल रहता है और लोगों का जीवन खुशहाल बनता है। जाहिर सी बात दक्षिण यम की दिशा है तो ऐसे में कुछ सिद्दांतों का पालन करना बहुत जरुरी है। आईये जानते है दक्षिणामुखी भवन बनाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

दक्षिणामुखी भवन बनाते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखें

दक्षिणामुखी घर का मुख्य द्वार दक्षिण आग्नेय में रखें। भूलकर भी दक्षिण नैऋत्य में ना रखें। अगर दक्षिण नैऋत्य में रखना आपकी मज़बूरी बन जाए तो ऐसे में उस प्लाट को बेच दे और भूलकर भी इस दिशा में घर ना बनायें अन्यथा आपको भयंकर नुकसान उठाना पड़ सकता है।

दक्षिण नैऋत्य दिशा में घर का मुख्य द्वार बनाने से परिवार की महिलाओं पर विशेष कुप्रभाव पड़ता है। उन्हें मानसिक और शारीरिक कष्ट रहता है। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होती है। घर के किसी सदस्य के साथ अनहोनी होने का डर रहता है।
अगर आप दक्षिणामुखी भवन बना रहे है तो ध्यान रहे दक्षिण भाग उंचा होना चाहिए। इससे उस घर में रहने वाले सुखी और स्वस्थ रहते है।

ये भी पढ़े   रसोई के लिए वास्तु दोष मिटाने के उपाय - kitchen vastu dosh remedies

दक्षिण दिशा की भूमि ऊँची करने के बाद उस पर बेकार सामान रखने से शुभ फल प्राप्त होता है।
दक्षिणामुखी घर बनाते समय घर के सभी द्वार दक्षिण दिशा में ही होने चाहिए। ऐसा वास्तु के हिसाब से सही माना जाता है और इससे घर में सम्पन्नता बढती है।

  1. दक्षिण हिस्से में कमरे ऊँचे बनवाने चाहिए। इससे मकान मालिक सुखी रहता है।
  2. दक्षिण दिशा के घर का अपानी उतर दिशा से होकर बाहर की और जाए तो ऐसा वास्तु के हिसाब से शुभ माना जाता है और
  3. इससे धन लाभ मिलता है। ऐसे घर में रहने वाली महिलाओं का स्वास्थ्य ठीक रहता है।
  4. दक्षिण भाग में अगर कुआं है तो धन की हानि होती है। इससे घर के सदस्यों में दुर्घटना की हने होती है।
  5. दक्षिण दिशा यमराज की दिशा है इसलिए घर बनाते समय दक्षिण दिशा की और कुछ जगह को छोड़ देना चाहिए। इसके बाद घर की दीवार बनाना शुरू करें।
  6. अगर भाग के द्वार आग्नेय कोण में हो तो इससे अग्नि और चोर का भी रहता है। ऐसे घर में रहने वाले लोगों के दुश्मन ज्यादा होते है।
  7. अगर दक्षिण भाग के द्वार नैऋत्य कोण में हो तो लाइलाज बीमारी होने का डर रहता है।
  8. अगर किसी तरह का वास्तु दोष रह गया है तो दक्षिण दिशा की और लाल रंग का बल्ब लगाना चाहिए और उस शाम के समय हमेशा जलाना चाहिए।
  9. दक्षिण दीवार पर आइना जरुर लगाए जिससे नकारात्मक ऊर्जा परावर्तित हो सके।
 
Next Post
gp
मकान वास्तु

गृह प्रवेश के लिए वास्तु टिप्स