सभी ग्रहों में शनि देव का स्थान और महत्व सबसे अधिक है। इस ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से हमारे जीवन पर बुरा असर पड़ता हैं। जबकि सकारात्मक प्रभाव बहुत सारी खुशियाँ और समृद्धि ला सकता है, जैसे भगवान विष्णु को केले का पेड़ पसंद है। भगवान शंकर और भगवान गणेश को बेल का पेड़ पसंद है, उसी तरह शनि देव को शमी का पेड़ पसंद है। शमी के पौधे की पूजा करने से शनि देव अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं और कोई भी ग्रह भक्त को कोई परेशानी नहीं देता है। शमी का पौधा बहुत फायदेमंद होता है और इसमें औषधीय गुण होते हैं।
ज्योतिष महत्व
हर देवी-देवता का घर है यह पेड़, भगवान गणेश और शनि देव के बहुत करीब है। जिन लोगों को शनि देव के नकारात्मक प्रभाव के कारण बहुत सारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें बिना किसी देर करे जल्द से जल्द अपने घर या मंदिर में शमी के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। हालाँकि कई लोगों की कुंडली में शनि देव बहुत दयालु होते हैं, फिर भी शुरू से ही शनि का एक वशीकरण होता है जिसके कारण उनका जीवन अधिक जटिल हो जाता है और काम नहीं हो पाता है। शनि उन्हें आजीवन संकट देते हैं।
शमी पौधे की पूजा रामायण, महाभारत और पुराणों में शमी वृक्ष के महत्व का उल्लेख किया गया है। इसका संबंध भगवान राम और पांडवों से भी है। शमी की लकड़ी का उपयोग विशेष प्रार्थना अनुष्ठानों में किया जाता है। यह एक धार्मिक मान्यता है कि शमी के पेड़ की पूजा करने से शनि के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं। ऐसा करने से शनि ग्रह को शांत करने में मदद मिल सकती है। हिंदू धर्म में प्रचलित धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जिस व्यक्ति पर शनि का प्रभाव हो उसे यह पेड़ अपने घर में लगाना चाहिए। उन्हें नियमित रूप से पेड़ की पूजा करनी चाहिए
शमी के पेड़ की पूजा करने से शनि के दुष्प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है
हिंदू धार्मिक ग्रंथ दो पेड़ों का जिक्र हैं जो शनि के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। शमी का पौधा और पीपल वृक्ष। ऐसा माना जाता है कि इन दोनों पेड़ों की पूजा करने से शनि के प्रभाव को कम किया जा सकता है। शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए व्यक्ति को अपने घर के आसपास शमी का पेड़ लगाना चाहिए। हर शनिवार को शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इसके अलावा, शमी के पेड़ के फूल और पत्तियों का उपयोग करके भी शनि के दुष्प्रभाव को शांत किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि घर में शमी का पेड़ लगाने से नकारात्मक ऊर्जा और काले जादू के प्रभाव को रोकने में मदद मिलती है।
औषधि महत्व
शमी के वृक्ष पर कई देवताओं का वास होता है। सभी यज्ञों में शमी वृक्ष की समिधाओं का प्रयोग शुभ माना गया है। शमी के कांटों का प्रयोग तंत्र-मंत्र बाधा और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए होता है। शमी के पंचांग (फूल, पत्ते, जड़ें, टहनियां और रस) का इस्तेमाल कर शनि संबंधी दोषों से जल्द मुक्ति पाई जा सकती है। इसे वह्निवृक्ष भी कहा जाता है। आयुर्वेद की दृष्टि में तो शमी अत्यंत गुणकारी औषधी मानी गई है। कई रोगों में इस वृक्ष के अंग काम आते हैं। परिवार को रोग व्याधियों से बचाने में शमी का महत्व बहुत अधिक है।