[vc_column_text]जब आप नया घर लेते हो या किराए पर कोई घर लेते हो तो उसमें प्रवेश बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है। जब नया घर लेते है तो उसके साथ बहुत से नये सपने और नये जीवन की शुरुआत का शुभारंभ होता है। घर वह जगह होती है जहां आप अपना अधिकतम व्यक्त बिताते है अतः घर में सुख शांति का होना बहुत ही जरूरी होता है। बहुत से लोग गृह प्रवेश करते समय वास्तु का विशेष ध्यान नहीं देते जिस से गृह प्रवेश के समय से ही कुछ अशुभ होना शुरू हो जाता है। आज इस लेख में हम उन बातों को आप तक लेकर आए है जिसका गृह प्रवेश के दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि अगर नये घर का शुभारंभ ही वास्तु दोषों के साथ होता है तो उसमें सुख शांति की उम्मीद नहीं की जा सकती है। [vc_custom_heading text=”गृह प्रवेश के लिए शुभ दिन” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]
- गृह प्रवेश के लिए दिन, तिथि, वार एवं नक्षत्र को ध्यान मे रखते हुए, गृह प्रवेश की तिथि और समय का निर्धारण किया जाता है। गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान जरुर रखें। एक विद्वान ब्राह्मण की सहायता लें, जो विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण कर गृह प्रवेश की पूजा को संपूर्ण करता है।
- मंगलवार के दिन भी गृह प्रवेश नहीं किया जाता विशेष परिस्थितियों में रविवार और शनिवार के दिन भी गृह प्रवेश वर्जित माना गाया है। सप्ताह के बाकि दिनों में से किसी भी दिन गृह प्रवेश किया जा सकता है। अमावस्या व पूर्णिमा को छोड़कर शुक्लपक्ष 2, 3, 5, 7, 10, 11, 12, और 13 तिथियां प्रवेश के लिए बहुत शुभ मानी जाती हैं।
- हिन्दी महीनों में माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ माह को गृह प्रवेश के लिए सबसे सही समय बताया गया है। आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, पौष इसके लिहाज से शुभ नहीं माने गए हैं।
अगर घर में देवी देवताओ की मूर्ति स्थापित करनी है तो वह हमेशा पूर्व दिशा में करनी चाहिए या उत्तर-पूर्व दिशा में जिस से घर में कीसी तरह के कलेश के होनी की संभावना नहीं रहती है।
[vc_custom_heading text=”पूजन सामग्री ” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]कलश, नारियल, शुद्धजल, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, धूपबती, आम या अशोक के पते, गुड, हल्दी, दूध आदि। [vc_custom_heading text=”इन बातों का रखे विशेष ध्यान ” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]
- घर के मेन गेट को अच्छे से सजाएं, क्योंकि इसे सिंह द्वार कहा जाता है यानी वास्तु पुरुष का चेहरा। इसे आम की पत्तियों और ताजे फूलों से सजाएं।
- प्रवेश मंगल कलश के साथ होना चाहिए जिस से घर में कीसी तरह की कोई अमंगल घटना नहीं हो। गृह प्रवेश सदैव दिन के समय ही होना चाहिए।
- फर्श पर चावल के आटे और शानदार रंगों से रंगोली बनाएं। माना जाता है कि रंगोली बनाने से माता लक्ष्मी आती हैं।
- हवन करने से घर के आस पास का वातावरण शांत और सुखमय होता है। अतः घर में हवन का आयोजन जरूर करें।
- घर में बने भोजन का पहला भोग भगवान को लगाएं।
- सबसे पहले घर के चूल्हे पर दूध को उबालना चाहिए।
- रसोई में पहले दिन गुड और हरी सब्जियां रखना शुभ माना जाता है।
- रसोई घर में भी पूजा करनी चाहिये। चूल्हे, पानी रखने के स्थान और स्टोर आदि में धूप, दीपक के साथ कुमकुम, हल्दी, चावल आदि से पूजन कर स्वास्तिक चिन्ह बनाना चाहिए।
- पुरुष पहले दाहिना पैर तथा स्त्री बांया पैर बढ़ा कर नए घर में प्रवेश करें। क्योंकि वास्तु में पग फेरे को भी महत्वपूर्ण माना गया है।
- ब्राह्मण को भोजन कराएं या फिर किसी गरीब भूखे आदमी को भोजन करा दें। इससे घर में सुख, शांति व समृद्धि आती है व हर प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं।