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घर के मुहूर्त के लिए फेंगशुई टिप्स

मकान बनवाना वास्तुशास्त्र के अनुसार जरूरी होता है, उतना ही घर का मुहूर्त भी वास्तु के अनुसार जरूरी होता है। विभिन्न ज्योतिष ग्रंथों में नक्षत्रों को ध्यान में रखकर गृहप्रवेश विधि का वर्णन किया गया है। नीचे बताये गये है फेंगशुई के अनुसार घर का मुहूर्त-

      • नए मकान में प्रवेश करने से पहले रंगाई- पुताई करवाकर पानी के  नल, बिजली के कनेक्शन आदि की अच्छी तरह से जांच कर लेनी चाहिए।
      • फेंगशुई के अनुसार शुभ मुहूर्त में, मकान का फर्श- सुथरा करके यज्ञ, हवन, पूजन, दीप, धूप आदि द्वारा विधि- विधान से गृह प्रवेश पूजन सम्पन्न करना चाहिए।
      • घर में प्रवेश करने से पहले बड़े- बुजुर्ग, पूजनीय, पित्रों (इष्ट) का आशीर्वाद लें तथा भोजन कराना चाहिए। ऐसा करने से सबके मन में सकारात्मक प्रभाव आता है और उनकी सकारात्मक शक्ति आपको जीवन में आगे बढ़ने का हौसला देती है।
      • रोजाना घर में फिटकरी के पानी से पोछा लगाना भी बेहद लाभकारी माना जाता है।

     

      • घर के शुभ मुहूर्त का जरूर ध्‍यान रखें। दिन, तिथि, वार एवं नक्षत्र को ध्यान मे रखते हुए गृह प्रवेश की तिथि और समय का निर्धारण करें।
      • शास्त्रानुसार गृह प्रवेश के लिए माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ माह को सबसे सही समय बताया गया है।
      • माघ महीने में गृह प्रवेश करने वाले को धन का लाभ होता है।
      • आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, पौष माह को गृह प्रवेश के लिए शुभ नहीं माना गया है।
      • मलमास में भी नये मकान में प्रवेश नहीं करना चाहिए।
      • चैत्र मास में नए घर में प्रवेश करने से धन का अपव्यय करना पडता है।
      • पुत्र की चाह हो तो व्यक्ति को ज्येष्ठ माह में गृह प्रवेश करना चाहिए।
      • शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से लेकर कृष्णपक्ष की दशमी तिथी तक गृह प्रवेश वंश वृद्धि दायक माना गया है।
      • जिस मकान का द्वार दक्षिण दिशा में हो तो गृह प्रवेश एकम्, छठ, ग्यारस आदि तिथियों में करना चाहिए।
      • दूज, सप्तमी तिथि को पश्चिम दिशा के द्वार के गृह प्रवेश के लिए श्रेष्ठ बताया गया है।
      • रसोई घर में भी पूजा करें। चूल्हे, पानी रखने के स्थान और स्टोर आदि में धूप, दीपक के साथ कुमकुम, हल्दी, चावल आदि से पूजन कर स्वास्तिक चिन्ह बनाएं।
      • माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ माह को गृह प्रवेश के लिए सबसे सही समय बताया गया है। आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, पौष इसके लिहाज से शुभ नहीं माने गए हैं।

     

      • पूजन सामग्री- कलश, नारियल, शुद्ध जल, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, धूपबत्ती, पांच शुभ मांगलिक वस्तुएं, आम या अशोक के पत्ते, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध आदि।
      • मंगल कलश के साथ नए घर में प्रवेश करना चाहिए।

     

      • घर को बंदनवार, रंगोली, फूलों से सजाना चाहिए।
      • मंगल कलश में शुद्ध जल भरकर उसमें आम या अशोक के आठ पत्तों के बीच नारियल रखें।
      • कलश व नारियल पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं।
      • नए घर में प्रवेश के समय घर के स्वामी और स्वामिनी को पांच मांगलिक वस्तुएं नारियल, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध अपने साथ लेकर नए घर में प्रवेश करना चाहिए।
      • भगवान गणेश की मूर्ति, दक्षिणावर्ती शंख, श्री यंत्र को गृह प्रवेश वाले दिन घर में ले जाना चाहिए।
      • मंगल गीतों के साथ नए घर में प्रवेश करना चाहिए।

     

    • पुरुष पहले दाहिना पैर तथा स्त्री बांया पैर बढ़ा कर नए घर में प्रवेश करें।
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