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भूल के भी न रखें ये 7 चीजे अपने बच्चों के स्टडी रूम में

जब हम घर बनाते है, तो हम अपने बच्चों के लिए उनका स्टडी रूम बनवाते हैं। अक्सर हम देखते हैं हमारा बच्चा बहुत मेहनत करने के बाद भी अनुकूल परिणाम नही ला पाता। कुछ बच्चें पढते समय एकाग्रचित नही हो पाते। हमें सोचना चाहिए कि ऐसा क्यों है? कुछ ऐसा तो नही है जो बच्चे का मन भटका रहा हो। कहीं ऐसा तो नही है कि बच्चे के स्टडी रूम में ही कोई वास्तुदोष हो। अक्सर स्टडी रूम की दिशा ही गलत होती है। इस आर्टिकल में इन्ही छोटी छोटी बातों पर प्रकाश डाला गया है।

किस दिशा में हो बच्चे का अध्ययन कक्ष

बच्चों का अध्ययन कक्ष बनवाते समय हमें दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बच्चों के कमरे की दिशा दक्षिण-पश्चिम के अतिरिक्त कोई भी हो सकती है। उत्तर, पूर्व, उत्तर पूर्व ,पूर्व पश्चिम की दिशा विशेष सकारात्मक परिणाम देती हैं। दक्षिण-पश्चिम की दिशा में कक्ष होने से बच्चों का मन ज्लदी भटकता है। अगर आपका बच्चा चंचल स्वभाव का है तो दक्षिण-पूर्व दिशा में अध्ययन कक्ष न बनवायें। बच्चे का चित्त अशांत रहेगा। वाचाल बच्चों का कमरा दक्षिण-पश्चिम में नही बनवाना चाहिए। वो बहुत शैतान हो जाएंगे।

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बच्चे के स्टडी रूम में क्या न हो

अक्सर हम बच्चे के मनोरंजन के साधन उसके कमरे में ही रख देते हैं। यह बिल्कुल भी सही नही है। टी. वी, मोबाइल, लैपटॉप जैसी वस्तुएं विद्युत चुंबकीय किरणें प्रवाहित करती हैं। जिनसे बच्चों की शिक्षा में व्यवधान होता है। बच्चों के रूम में बहुत कीमती मूर्तियां, पेन्टिंग नही रखनी चाहिए। इनके स्थान पर मां सरस्वती की, भगवान गणेश की मूर्तियां, स्वामी विवेकानंद के चित्र रखने चाहिए। स्टडी रूम में बंद घडी रखना अच्छा नही माना जाता। टूटी फूटी चीजें,पुरानी रद्दी, पुराने खिलोने बच्चों के कमरे में नही होने चाहिए। स्टडी रूम शौचालय के पास नही होना चाहिए।

स्टडी रूम में बैठते समय क्या ध्यान रखें

स्टडी रूम में पढने के लिए बैठते समय ध्यान रखे कि बच्चे का चेहरा पूर्व उत्तर में हो। पूर्व एवं उत्तर की दिशा विद्यार्थियों के पढने के लिए सर्वश्रेष्ठ है। बच्चे के पीठ के पीछे कोई दीवार न हो। बच्चें के सामने कोई खिडकी या दरवाजा न हो। बच्चे के कमरे में खिड़की, रोशनदान दक्षिण दिशा में न हो। इनका उत्तर पूर्व दिशा में होना सर्वोत्तम है। स्टडी लैंप बच्चे के सीधे हाथ की ओर नही रखना चाहिए। लैंप बच्चे के उल्टे हाथ की दिशा में रखना चाहिए। दाहिनी साइड लैंप रखने से बच्चे को लिखते समय अपनी ही परछाई से अधेरा लगेगा।

बच्चों के रूम के फर्नीचर में क्या गलतियां न करे

बच्चों के लिए स्टडी रूम में बेड लगवा रहे हैं तो ध्यान रहे, बेड में नुकीले कोने न हो। अगर बच्चें छोटे हो तो हमें देखना होगा बेड की ऊंचाई ज्यादा न हो। बच्चों के कमरें की चादर हतल्के रंग की गुलाबी, सफेद, लेमन, परपल रंग की हो। बच्चों के फर्नीचर में कम से कम काॅच का प्रयोग करें। अलमारी की ऊंचाई ज्यादा न रखें। बच्चों की किताबें रखने की अलमारी कवर्ड होनी चाहिए।

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बच्चों के स्टडी रूम में टेबल पर क्या न हो

स्टडी रूम की टेबल पर बच्चा बैठकर पढ़ाई करता है। हम सुंदरता और कमरे की मैचिंग पर ध्यान देने के चक्कर में स्टडी टेबल को शोभा की सुपारी बना देते हैं। टेबल ऐसी होनी चाहिए जिस पर बच्चा आराम से घंटो बैठकर पढ सके। उसकी टेबल पर ध्यान बटाने वाली कोई सामाग्री न हो। न ही कोई फिल्मी अभिनेता,प्लेयर्स के चित्र हो। ऐसा होने पर बच्चा अपने लक्ष्य से भटक सकता है। खेल, खिलौने भी बच्चे की टेबल पर न रखें। बच्चे की टेबल पर कोई शीशा या प्रतिबिंब वाली वस्तु न रखे। टेबल पर खुली किताबें, कागज, कलम फैला कर नहीं रखना चाहिए। बच्चों की टेबल उत्तर पश्चिम दिशा में रखने से बचे। स्टडी रूम में टेबल दक्षिण पूर्व दिशा में भी न हो।

बच्चे के स्टडी रूम की सजावट में क्या ध्यान रखें

स्टडी रूम बनवाते समय हमें कुछ बेसिक चीजों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ध्यान रखें कि स्टडी रूम न तो बहुत बड़ा हो न बहुत छोटा। स्टडी रूम का दरवाजा कमरे के बीच से न जायें। स्टडी रूम की खिड़कियां बहुत छोटी न हो। रोशनदान भी कमरें में अबश्य होने चाहिए। ताकि प्राॅपर वैन्टीलेशन की व्यवस्था हो। कमरे में दिन में सूर्य के प्रकाश की भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए। बच्चों के स्टडी रूम को सकारात्मक बनाने के लिए कमरे में पौधे लगाने चाहिए। पौधे लगाते समय ध्यान रखें कि दूध वाले और कांटे वाले पौधे न हो।

बच्चे के स्टडी रूम की दीवारें कैसी हो

बच्चों की स्टडी रूम की दीवारों का रंग हल्के रंग का होना चाहिए। बच्चों का मन बहुत चंचल होता है। जब हम कमरा डिजाइन करते हैं तो हमें ध्यान रखना होता है कि कमरे का रंग बहुत चटकीला न हो। अन्यथा बच्चे का ध्यान केंद्रित होने में परेशानी होगी। हमें दीवारों का रंग फीका भी नही रखना है। बच्चों को रंग बहुत पसंद होते हैं। फीके रंग के कमरे में बच्चा बहुत ज्लदी बोर हो जायेगा। उनके कमरे में खिलते हुये ताजगी देते हुऐ रंग लगाने चाहिए। दीवारों पर रंग खिलते हुए पर हल्के रंग के हो। हल्के गुलाबी, नीले और हल्के पीले रंग स्टडी रूम के अनुकूल हैं।

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बच्चों के स्टडी रूम में क्या रखें

बच्चों के स्टडी रूम में मां सरस्वती, भगवान गणेश की मूर्ति लगाये। बच्चे से कहे पढ़ाई शुरू करने से पहले भगवान के आगे सर झुकाये। भगवान का नाम लेकर पढ़ाई की शुरूआत करने से सकारात्मकता बढती है। स्टडी रूम में मोरपंख रखने से बच्चे एकाग्रचित होते हैं। स्टडी रूम मैं ग्लोब रखने से बच्चे की स्मरण शक्ति बढती है। बच्चे के कमरे में पिरामिड रखना भी शुभकारी होता है। पिरामिड अगर तांबे का है तो अति उत्तम होता है। उड़ते हुए पक्षियों की तस्वीर, उगते हुए सूरज की तस्वीर लगाना भी शुभ होता है। सटडी रूम में दीवारों पर प्रेरक नीति वचन एवं कोटेशन लिखने चाहिए। जिससे बच्चे का उत्साहवर्धन हो।

 
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