[vc_column_text]हर कोई व्यक्ति यही चाहता है की जिस घर में वह रह रहा है वहाँ पूरी तरह से शांति का माहोल हो और अपने घर में सुख शांति बनाने के लिए बहुत सी प्रयास भी करता है परन्तु कई बार ऐसे वास्तु दोष घर में छिपे होते है जिसका पता हर कीसी को नहीं लग पाता है और जिस से घर में सुख शांति में खलल उत्तपन होता है। अतः ऐसे वास्तु दोषों के कारणों का पता लगा उन्हे दूर करना बहुत जरूरी होता है। अगर घर में छिपे वास्तु दोषों का पता लगा उन्हे दूर कर दिया जाए तो घर में शांति और सुखमय माहोल पाया जा सकता है। आज हम आप के सामने इस लेख में उन तरीकों को लेकर आए है जिनको अपना कर आप घर में सुख शांति ला सकते और वास्तु दोषों को दूर कर सकते है। [vc_custom_heading text=”घर में शांति के लिए इन तरीकों को अपनाएं – sukh shanti ke upay” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]
- पूर्वी दिशा जहां से सुबह सूर्य की किरणें घर में आती हों उस जगह क्रिस्टल बॉल रखें, ताकि उस पर सूर्य की किरणें पड़ें और उसका प्रकाश पूरे फ्लैट में फैले। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी। अगर के अंदर नकारात्मकता रहती है तो घर के सदस्यों का भी काम में मन नहीं लगता और सही परिणाम नहीं मिल पाते है। जो की आप की तरक्की में बाधा बनती है।
- पूरे घर में नमक के पानी का पोंछा लगाएं। घर के पूजा स्थान को हमेशा साफ-स्वच्छ रखें। किसी तरह की गंदगी न हों।
- बोनसाई और कंटीले पौधे घर के अंदर नहीं लगाएं। इससे घर का वास्तु बिगड़ता है और नकारात्मक उर्जा फैलती है।
- शयनकक्ष में बिस्तर के नीचे जूते-चप्पल नहीं होने चाहिए। यह नकारात्मक उर्जा को बढ़ाता है और रोग एवं मानसिक परेशानियों को बढ़ाता है। जूते-चप्पल हमेशा घर से बहार ही रखने चाहिए। मुख्य दरवाजे के सामने में भी जूते चप्पल नहीं उतारने चाहिए इस से सकारात्मक ऊर्जा में अवरोध उत्तपन होता है।
- लोहे की अलमारी कभी भी बिस्तार के पीछे नहीं रखें। यह भी ध्यान रखें कि लोही की चीजें आपके बिस्तर पर नहीं हो।
- जल को ऊर्जा का एक स्रोत माना जाता है अतः घर में जल के स्रोत की दिशा भी विशेष महत्व रखती है । घर के बीच में पानी की टंकी, हैंडपंप, घड़ा या दूसरे जल के स्रोत नहीं होने चाहिए यह आर्थिक मामलों में नुकसानदेय होता है।
- दान के लिए घर में लाई गई वस्तुओं को अधिक दिनों तक घर में नहीं रखना चाहिए। देवी देवताओं की टूटी मूर्तियों को भी घर में नहीं रखना चाहिए। टूटी हुई मूर्तियों को किसी पेड़ की जड़ में रख देना चाहिए।
- यदि बेठक में खाने की व्यवस्था हो या कीसी तरह का खंभा हो तो यह वास्तु के हिसाब से सही नहीं होता है। इसे तुरंत परिवर्तित करना चाहिए। इसके कारण घर के मालिक की सामाजिक प्रतिष्ठा खराब होती है। और ऐसा करने से मित्रों के साथ संबंध भी खराब हो सकते है। अथवा परिवार के सदस्यों की शिक्षा में भी नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते है।
- यदि पूजा स्थल की दीवारों में दरारे है या पूजा कक्ष में रोशनी की कमी है तो इसे तुरंत दूर करना चाहिए। क्योंकि इस कारण से परिवार जनों की सेहत पर प्रभाव पड़ सकता है और संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है।
- यदि रसोई की दिवारे काली पड़ गई हो या दरारे पड़ी हो तो इसे राहू-मंगल योग कहते है जिसे तुरंत सही करना चाहिए। इस वजह से गृह स्वामी के भाई को जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। और घर में महिलाओं की पति को समान देने की प्रवृति कम होती है।
- घर में सुख, शांति, समृद्धि की चाह रखने वालों के लिए सफेद रंग के विनायक की मूर्ति, चित्र लगाना चाहिए। इस से घर का माहोल पूरी तरह से शांत बना रहता है और घर के लोगों के बीच तरह का मन मुटाव भी नहीं होता है।