क्या है वर्क फ्रॉम होम ? बिना ऑफिस जाये घर से ही अपना ऑफिशियल काम करने को वर्क फ्रॉम होम कहते हैं। वर्क फ्रॉम होम में घर ही हमारा ऑफिस होता है। हमें अपने ऑफिस गए बिना ही अपना टारगेट कंप्लीट करना होता है। वर्क फ्रॉम होम में कुछ जगह काम का समय निर्धारित नहीं होता। सिर्फ काम पूरा करके ही देना होता है। कहीं ऑफिशियल ऑवर्स डिसाइड होते हैं। और उस समय अवधि में काम पूरा करना होता है।
कैसे शुरू हुआ वर्क फ्रॉम होम
वर्क फ्रॉम होम का कल्चर अभी तक हम सब के लिए नया था। हम सभी सोचते थे बीमार होने पर ही हम घर बैठकर काम कर सकते हैं। ऑफिशियल वर्क तो करना संभव ही न था। संचार क्रांति के दौर में पदार्पण के बाद तस्वीर कुछ बदली कुछ कंपनियां नेटवर्किंग और मार्केटिंग का काम कंप्यूटर की मदद से ऑनलाइन करवाने लगी। ये भी न के बराबर ही था।
क्यों वर्क फ्रॉम होम हुआ जरूरी
वर्क फ्रॉम होम की शुरुआत सालो पहले हो गई थी। जब कोरोना आया तब इसकी उपयोगिता जन-जन तक पहुंची। कोविड के समय हम सब के लिए घर से बाहर निकलना एक दुःस्वप्न था। उस समय वर्क फ्रॉम होम ने हमारे काम को रुकने नहीं दिया लॉकडाउन में जब सब घर से बाहर नहीं जा पा रहे थे तब वर्क फ्रॉम होम एक सुरक्षित विकल्प बना।
वर्क फ्रॉम होम क्या आसान है
देखने सुनने में जितना लगता है वर्क फ्रॉम होम उतना आसान भी नहीं है। जब हम घर बैठ कर ऑफिस का काम करते हैं तो हमें दोनों जगह के बीच में सामंजस्य बिठाना पढता है। घर के कामों का तो अंत कभी होता ही नहीं है घर पर रहकर काम करते करते हम घर के कामों में ही सारा समय निकाल देते हैं। हमें पता ही नहीं चलता कि कब हमारा पूरा दिन निकल गया हमें अपने ऑफिशियल काम के लिए समय ही नही मिलता है और साथ ही साथ हमारी काम करने की उर्जा भी खत्म होने लगती है।
क्यों आवश्यक है ऑफिशियल
वर्क के लिए अलग जगह बनाना ऑफिशियल वर्क को समय पर सही ढंग से कर पाना अपने आप में एक चुनौती होता है। हमारा मन बहुत चंचल होता है हम जब ऑफिस में काम करते हैं तो हमें सुपरवाइजर करने के लिए हमारे सीनियर होते हैं। घर से काम करते हुए हमें आत्मसंयम की आवश्यकता होती है। ताकि हम अपने काम को भटके बिना पूरा कर पाएं। हमें अपने घर में भी एक कोना तलाश लेना चाहिए जहाँ हम बिना व्यवधान के अपना ऑफिशियल काम तसल्ली से कर पाए।
क्या काम की दिशा निर्धारित करके बढ़ती है प्रोडक्टिविटी
कौन सी दिशा उपयुक्त है वर्क फ्रॉम होम के लिए
वास्तु का हमारे जीवन में एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। वास्तुशास्त्र के अनुसार हर दिशा का विशेष महत्व होता है। घर में काम करने के लिए हमें अपने टेबल चेयर को उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए। उत्तर की दिशा धन धान्य के देव कुबेर की दिशा मानी जाती है। पूर्व दिशा जो यश,मान-सम्मान व पराक्रम की दिशा है, सूर्य भगवान की दिशा मानी जाती है। कुछ वास्तु शास्त्र कहते हैं कि घर के दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण पश्चिम का कोना वर्क फ्रॉम होम के लिए शुभ है। कोशिश करें कि चेहरे को पूर्व या उत्तर दिशा में रखें ।
वर्क फ्रॉम होम में कैसे करें काम
अपने टेबल के ऊपर एक पानी का गिलास अवश्य रखे। भगवान का नाम लेकर ही अपने काम की शुरुआत करे। हर 1 घंटे में खुद को पांच मिनट का ब्रेक जरूर दे। काम करने की क्षमता बढ़ेगी। अपने लैपटॉप, मोबाइल को चार्ज रखें। ऑफिशियल फाइल्स और पेपर्स को ऑर्गेनाइज रखें। टीम मेंबर्स से टच में रहे ताकि आपस में तालमेल बना रहे।
हर कार्य के लिए निर्धारित है अलग दिशा
आप सोच सकते है कि हर दिशा में तो हमें काम करने की सलाह इस आर्टिकल में दी है तो सर्वश्रेष्ठ कौन सी दिशा है? हर व्यक्ति की कार्यशैली के अनुसार ही उसके ऑफिस की दिशा निर्धारित की जाती है। एन्टरप्रेन्योर जो अपने लिए काम कर रहे हैं उनके लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा में काम करना सर्वश्रेष्ठ है। एक लेखक के लिए उत्तर दिशा सर्वोत्तम है। एक बिजनेस पर्सन के लिए उत्तर पश्चिम की दिशा लाभदायक है। वित्तीय क्षेत्र में कार्यरत व्यक्ति के लिए उत्तर दिशा फलदायी है। हमें इन सभी दिशानिर्देशों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ कार्यक्षेत्र की स्वच्छता और सकारात्मकता पर भी विशेष ध्यान देना होता है। इन बातों का ध्यान रखकर ही हम घर में भी अपने काम को सफलतापूर्वक कर सकते हैं।
क्या न करें
हर व्यक्ति वो चाहे व्यापारी हो या कंप्यूटर इंजीनियर जीवन में यश,वैभव,मान,सम्मान ही चाहता है। हम सभी छोटे घरों में ही रहते हैं। ऐसे में घर में ऑफिस बनाते हुए हम कोशिश करें कि हम शयनकक्ष के पलंग पर बैठकर काम न करे।।यह वास्तु के अनुसार अनुचित है। किसी कमरे के दरवाजे, खिड़की के सामने बैठकर कार्य न करे। आईने,के सामने बैठकर काम न करे। डाइनिंग टेबल पर बैठकर काम न करे । बिना अपना काम पूरा किये अपनी जगह से न उठे। वास्तु शास्त्र एक विज्ञान है। जब आप इन नियमों का अध्ययन करेंगे तो आप पाएंगे कि हर बात वैज्ञानिक रूप से मान्य है।