वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारे घर का हर एक कमरा और हर चीज़ सही तरीके से और सही जगह पर रखी होनी चाहिए। कई बार ऐसा देखा जाता है की लोग घर बनवाते टाइम टॉयलेट के निर्माण में ज्यादा सावधानी नहीं रखते है,और उस पर बाकी जगह जितना ध्यान नहीं देते है। जबकि ये जगह भी हमारी निवास का विशेष हिस्सा है। वास्तु कहता है कि दक्षिण- पूर्व दिशा में टॉयलेट बनवाना अशुभ माना जाता है।
दक्षिण-पूर्व दिशा में शौचालय हो तो क्या करें
दक्षिण-पूर्व दिशा में शौचालय होने से आपको धन की हानि हो सकती है, और साथ ही आपके बिज़नेस में भी दिक्कतें आ सकती है। गलत तरीके से और गलत जगह पर टॉयलेट बना हो तो वो पुरे परिवार के लिए दुर्भाग्य की वजह बन सकता है। अगर आपका टॉयलेट भी गलत जगह पर बना हो तो कोशिश कीजिये कि वहां से हटा कर दूसरी जगह बनवा लिया जाये, लेकिन अगर ऐसा पॉसिबल न हो तो आपको क्या करना है उसके लिए वास्तु के कुछ टिप्स हम आपको बताने जा रहे है।
दक्षिण पूर्व में शौचालय वास्तु दोष निवरण
दक्षिण-पूर्व में लकड़ी लगाये और समुद्री नमक रखें अगर आपके घर में दक्षिण-पूर्व कोने से टॉयलेट को हटाना पॉसिबल नहीं है तो उस दिशा में ज्यादा से ज्यादा लकड़ी लगाई और वहाँ पर समुद्री नमक का एक कटोरा रख दे । इस नमक को हर 8 दिन में बदलते रहे। ऐसा करके उसके बुरे प्रभावों से बचा जा सकता है।
पिरामिड वास्तु दोष निवारण, vastu pyramid for south east toilet
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दक्षिण-पूर्व में टॉयलेट होने से पूरे घर के सदस्यों को नुक्सान पहुंचता है। इस दिशा में बने टॉयलेट से वास्तु दोष को दूर करने के लिए अपने टॉयलेट की दक्षिणी दीवार पर पिरामिड लगाइये। ये बहुत अच्छा उपाय माना गया है।
अगर उत्तर पूर्व दिशा में टॉयलेट हो तो क्या करें
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- उत्तर- पूर्व टॉयलेट के बहार आइना लगाएं अगर आपके घर में उत्तर- पूर्व दिशा में टॉयलेट या बाथरूम है तो उनकी बाहरी दीवार पर या उत्तर पूर्व में एक आइना लगाना चाहिए। उत्तर- पूर्व दिशा कुबेर ने धन की दिशा होती है। इस दिशा में टॉयलेट होगा तो व्यक्ति को आर्थिक परेशानी और पैसो का नुक्सान होगा। घर के मुखिया को बदनामी का सामना करना पड़ सकता है।
- इसलिए ये उपाय जरूर करे। टॉयलेट की ठीक जगह और दिशा टॉयलेट को घर के उत्त्तर-पश्चिम दिशा में ही बनवाना चाहिए। इसे कभी भी घर के बीच में या फिर उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं बनवाना चाहिए। अगर बेडरूम से अटैच टॉयलेट बनाना हो तो भी उत्त्तर-पश्चिम में ही बनवाए। टॉयलेट कभी सीढ़ियों के नीचे न बनवाए।
- पानी की निकासी पूर्व में टॉयलेट में पानी की निकासी पूर्व दिशा की ओर रखना शुभ होता है। टॉयलेट के पानी का निकास किचन या पूजा घर के नीचे से बिलकुल नहीं होना चाहिए दरवाजे के नीचे धातु के 3 तार दबा दे टॉयलेट से वास्तु दोष को दूर करने के लिए ।
- बनवाते टाइम उसके दरवाजे पर नीचे की और लोहे(आयरन), तांबे और चांदी के 3 तार साथ में दबा दीजिये। टॉयलेट के ठीक सामने आइना न लगाये टॉयलेट और बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखे क्योंकि इनकी नेगेटिव एनर्जी का घर में आना जाना अच्छा नहीं होता है और इनके दरवाज़े के बिलकुल सामने आइना भी न लगाए, क्योंकि जब भी टॉयलेट या बाथरूम का दरवाजा खुलता है तो घर की नेगेटिव एनर्जी उनमे चली जाती है लेकिन अगर दरवाजे के सामने आइना होता है तो वो एनर्जी वापस घर में आकर नुक्सान पहुंचाती है।
- वास्तु दोष दूर करने के लिए इन बातों का भी जरुर ध्यान रखे टॉयलेट को साफ रखें जिससे आप पर शुभ प्रभाव पड़ेगा।
- शौचालय की सीट पश्चिम से पूर्व की ओर होनी चाहिए यानि टॉयलेट में बैठे तो आपका फेस पूर्व की ओर न हो। दक्षिण से उत्तर की और भी टॉयलेट सीट लगवा सकते है।
- अगर टॉयलेट में आइना लगवाना हो तो उत्तर और पूर्व की दीवार पे लगवाये।
- टॉयलेट की दीवारों पर लाइट कॉलोअर्स का पेंट होना चाहिए। इसमें नीले (ब्लू) रंग की बाल्टी और मग का यूज़ करना भी अच्छा होता है।
- इसमें बड़ी खिड़की(विंडो) उत्तर दिशा में और छोटी खिड़की पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। टॉयलेट का दरवाजा पूर्व में या उत्तर-पूर्व में ही बनवाइए।
इन बातों का ध्यान रखिये और बताये गए उपाय कीजिये तो आपके वास्तु दोष दूर होंगे और घर में पॉजिटिव एनर्जी आएगी।