toilet seat vastu

वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय में टॉयलेट सीट की दिशा क्या होनी चाहिए ?

वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है इसलिए इसको सही दिशा के अनुसार बनाना बहुत जरुरी है और इसके लिए आप की अच्छे ज्योतिष से परामर्श ले सकते है। क्योंकि अगर शौचालय बनाते समय दिशा का ध्यान नहीं रखा गया तो बाद में गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है। 

पुराने समय में नकारात्मक ऊर्जा को रोकने के लिए शौचालय और स्नानघर दोनों अलग-अलग बनाये जाते थे लेकिन आजकल जगह की कमी और अल्पज्ञान के कारण लोग दोनों को एक साथ बनाते है जिस वजह से वास्तु दोष उत्पन्न होता है। 

ऐसे में कुछ उपाय करके आप शौचालय वास्तु दोष निवारण कर सकते है और इसके उपाय मेने अपनी पिछली पोस्ट में बताये है। अब बात आती है टॉयलेट सीट की दिशा, की क्योंकि टॉयलेट में सबसे जरुरी टॉयलेट सीट ही होती है। आज की इस पोस्ट में हम आपको टॉयलेट सीट की दिशा के बारे में बताएँगे।

वास्तु के अनुसार टॉयलेट सीट की दिशा

  • टॉयलेट करते समय मुख किस तरफ होना चाहिए
    • वास्तु शास्त्र के अनुसार टॉयलेट सीट हमेशा नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) दिशा में रखें। 
  • वास्तु के अनुसार शौच करते समय मुख किस दिशा में होना चाहिए?
    • शौच करते समय दक्षिण या पश्चिम  दिशा 
  • वास्तु के अनुसार शौच करते समय टॉयलेट का दरवाजा पूरा बंद होना चाहिए। 

वास्तु के अनुसार टॉयलेट बनाते समय ध्यान दे यह बातें 

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