वास्तु शास्त्र अपने आप में एक अनूठा विज्ञान है। बहुत से लोगों को इनके बारे में जानकारी नहीं होती है। वास्तु शास्त्र बहुत सी बातों को लॉजिक के साथ भी संतुष्ट करता है। गहर कर निर्माण के समय एक अच्छे वास्तुकार से जरूर राह लेनी चाहिए जैसे
घर का किचन किस तरह से हो, स्टोर रूम किस दिशा में हो,
देवालय कहाँ रखा जाए आदि बातों को उचित ध्यान रखना चाहिए। पुराने समय में अनाज आदि रखने के लिए स्टोर रूम का निर्माण किया जाता था। स्टोर रूम में राशन पानी के अलावा और भी कई वस्तुएं रखी जाती हैं। जो हमारे दैनिक जीवन में काम आने वाली आवश्यक वस्तुएं मानी जाती हैं। परंतु आज कल देखा जाता है यह सब रसोई में ही सिमट कर रह गया है। जिस से अनेकों प्रकार के दोष उत्पन्न हो जाते है। आज हम इस लेख में बताएंगे की स्टोर रूम की स्थिति कीस प्रकार से घर वालों के उपर मानसिक एवं शारीरिक प्रभाव डाल सकती है।
स्टोर रूम की स्थिति
पूर्व दिशा में
अगर स्टोर रूम
पूर्व दिशा में है तो घर के मुखिया को अपने
धंधे या नौकरी के संबंध में अधिक यात्रा करनी पड़ सकती है। वह यात्रा में व्यस्त रहने के कारण अक्सर घर से बहार ही रहेगा।
दक्षिण दिशा में
अगर स्टोर रूम
दक्षिण दिशा में है तो घर में माहोल आपसी मत भेद तथा कुछ गलत फहमी से भरा रहता है। अगर खाने-पीने का सामान स्टोर रूम में रखा जाए तो भाईयों या पति-पत्नी अथवा घर के वरिष्ठ एवं छोटे सदस्यों के बीच में कलहबाजी होती रहती है।
पश्चिम दिशा में
अगर स्टोर रूम
पश्चिम दिशा में है तो घर के बच्चे यात्रा से संबंधित
कारोबार में या व्यापार में लाभ अर्जित करते है। घर का मुखिया बुद्धिमान होता है और व्यापार में पारंगत होता है। परंतु मुखिया दुर्घटना वश अपनी पत्नी के होते हुए भी कीसी अन्य महिला के चक्कर में फंस जाता है।
उत्तर दिशा में
अगर स्टोर रूम
उत्तर दिशा में होता है तो यह दिखाता है की घर का मुखिया बुद्धिमान है और रोमांटिक किस्म का इंसान है। लेकिन ऐसे मुखिया को स्त्री एवं पुरूष मित्रों से मित्रता के कारण बदनामी का सामना भी करना पड़ता है। पत्नी में कोई दोष हो सकता है, जिस कारण उसे गर्भधारण में दिक्कत आती है।
किस तरह से होना चाहिए स्टोर रूम