images (23)

कैसे बनाए वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का नक्शा?

[vc_custom_heading text=”सबसे पहले ये जान ले की वास्तुशास्त्र है क्या?” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]वास्तु शास्त्र घर, भवन अथवा मन्दिर निर्माण करने का प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जिसे आधुनिक समय के विज्ञान आर्किटेक्चर का प्राचीन स्वरुप माना जा सकता है। जीवन में जिन वस्तुओं का हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होता है, उन वस्तुओं को किस प्रकार कैसे रखा जाए वह भी वास्तु है वस्तु शब्द से वास्तुशास्त्र का निर्माण हुआ है। [vc_custom_heading text=”वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का नक्शा कैसा होना चाहिए? ” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]वास्तुशास्त्र एक ऐसा भारतीय शास्त्र है जो प्राचीन काल से भारत में अपनी जड़ें जमाये हुए है। वास्तुशास्त्र एक ऐसी विधा है जो दिशाओं के स्वभाव के अनुसार घर का नक्शा बनाने का सुझाव देती है। ताकि आपके घर का हर एक कोना दिशाओं के अनुकूल बनें जिससे हर कोने में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।अत: वास्तुशास्त्र के अनुसार ही घर का नक्शा बनाना चाहिए। [vc_custom_heading text=”जब वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का नक्शा ना बनाऐ तो? ” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]जब वास्तु के अनुसार घर का नक्शा नहीं बनवाया जाता है तो घर का जो क्षेत्र दिशा के अनुकूल नहीं होता है वहां नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती जाती है। जो परिवार और घर की सुख-समृद्धि में अड़चन पैदा करने लगती है। ऐसे में बेहतर तो यही होगा कि जब भी घर बनवाऐ तो “वास्तु शास्त्र के अनुसार ही नक्शा” बनवाये।अगर घर बनाते समय ही वास्तु का ध्यान रखा जाएँ और हर कोना दिशा को ध्यान में रखकर तय किया जाऐ तो सकरात्मक ऊर्जा बनी रहती है। आज हम बात करते हैं वास्तु के अनुसार घर का नक्शा बनाने की। [vc_custom_heading text=”वास्तुशास्त्र घर का नक्शा वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसा होना चाहिए?” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]वास्तुशास्त्र में 9 दिशाएं होती है यानी 8 दिशाओं के अलावा मध्य दिशा। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर या ऑफिस के बिलकुल मध्य का ये स्थान सम्बंधित व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है इसलिए इस केंद्र यानी मध्य स्थान को विशेष महत्व दिया जाता है। [vc_custom_heading text=”घर की दक्षिण दिशा का सम्बन्ध कैरियर से होता है-” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]घर की दक्षिण दिशा का सम्बंध कैरियर से होता है और दक्षिण-पश्चिम दिशा व्यक्ति की कुशलता, बुद्धिमत्ता और ज्ञान से सम्बंधित होती है। [vc_custom_heading text=”पश्चिम दिशा का सम्बन्ध व्यक्ति के पारिवारिक संबंध-” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]पश्चिम दिशा का सम्बंध व्यक्ति के परिवारिक सम्बंधो से होता है और व्यक्ति के परिवारिक संबंधो मे सुख शांति बनी रहती है। [vc_custom_heading text=”उत्तर दिशा का सम्बन्ध सामाजिक सम्मान से होता है-” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]उत्तर दिशा का संम्बध समाजिक सम्मान से होता है, और उत्तर-पश्चिम दिशा धन और समृद्धि से जुड़ी होती है। जबकि उत्तर-पूर्व दिशा प्यार और पति-पत्नी के संबंधों को प्रभावित करती है। [vc_custom_heading text=”घर की पूर्व दिशा बच्चों से सम्बंधित होती है-” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]घर की पूर्व दिशा बच्चों से सम्बन्धित होती है, उनके विकास, सोच और स्वास्थ्य को ये दिशा प्रभावित करती है। जबकि दक्षिण-पूर्व दिशा उन करीबी लोगों से जुड़ी होती है जो हर परिस्थिति में आपकी सहायता करने के लिए तैयार रहते हैं। [vc_custom_heading text=”दिशाओं के अनुसार घर का नक्शा इस प्रकार बनायें-” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत ही महत्व है। घर का नक्शा वास्तु शास्त्र दिशा के अनुसार ही बनाना चाहिए। आइए अब जानते है की दिशाओ के साथ घर का नक्शा कैसा होना चाहिए। [vc_custom_heading text=”वास्तु के अनुसार घर का मुख्या द्वार-” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]घर के मुख्या द्वार के लिए सबसे अच्छा पूर्व दिशा होता है। इस दिशा में मुख्या द्वार होने से घर में समृद्धि आती है। मुख्या द्वार दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए। ऐसा होने से मुश्किलें बढ़ती है। अगर आपका द्वार इस दिशा में है तो आपको वास्तु के उपाय अपनाने चाहिए। मुख्या द्वार के सामने कोई पेड़ नहीं होना चाहिए। द्वार के सामने बिजली का खम्बा भी नहीं होना चाहिए। T पर भी नहीं बनाना चाहिऐ। और मुख्या द्वार के सामने तिराहा और चौराहा नहीं होना चाहिए, क्योकि यह नकारात्मकता फैलाता है। [vc_custom_heading text=”वास्तु के अनुसार देवताओं को किस दिशा में रखें?” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]घर के नक़्शे में अग्नि, वायु और जल देवता का ध्यान देना चाहिए। इनकी दिशाएं बदलनी नहीं चाहिए। जो जिसकी दिशा है उस पर उनके सम्बंधित कार्य ही होने चाहिए। जैसे की जल देवता की दिशा में जल के सम्बंधित कार्य। [vc_custom_heading text=”वास्तु के अनुसार रसोई की दिशा-” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]अग्नि देवता रसोई से संबंधित होते है। आग्नेय कोण और दक्षिण पूर्वी दिशा रसोई के लिए सही है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का नक्शा इसी हिसाब से बनाएं की रसोई इस दिशा में बने। [vc_custom_heading text=”वास्तु के अनुसार पानी के टैंक की दिशा-” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]वास्तुशास्त्र के नियम के अनुसार पानी की जमा करके रखने की सही दिशा ईशान कोण है। यह उत्तर पूर्वी दिशा में होता है। इसीलिए मकान के नक़्शे में पानी का टैंक इसी दिशा में बनवाएं। [vc_custom_heading text=”वास्तु के अनुसार पूजा घर-” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]वास्तुशास्त्र के नियम के अनुसार पूजा घर ईशान कोण में होना चाहिए।यह बहुत ही शुभ होता है। [vc_custom_heading text=”वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा-” font_container=”tag:h3|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]वास्तु के अनुसार नैऋत्य कोण शौचालय की सही दिशा है। मकान का नक्शा इसी हिसाब से बनाएं की शौचालय इस दिशा में बनाया जाये। [vc_custom_heading][vc_column_text]

  • घर का निर्माण करने से पहले भूमि पूजन जरूर करवाना चाहिए। यह घर का निर्माण करने की एक शुभ शुरुआत मानी जाती है।
  • घर के मुख्य द्वार पर शुभ चिन्ह, जैसे की ॐ , स्वस्तिक का प्रयोग करना चाहिए। पूर्व या उत्तर दिशा आपके घर के मुख्य द्वार के लिए उचित मानी जाती है।
  • काफी वास्तुशास्त्र मे यह भी मानते है की मुख्य द्वार 4 दिशाओं में से किसी भी एक दिशा में हो सकता है। यह 4 दिशाएं है – ईशान, उत्तर , वायव्य और पश्चिम।
  • घर बनाते वक़्त थोड़ी सी जगह घर के आँगन के लिए भी रखनी चाहिए। चाहे छोटा ही सही घर में आँगन होना चाहिए।
  • घर के आँगन में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने वाले पौधें जरूर लगाएं। तुलसी, नीम , अमला जैसे पौधें सकारात्मक ऊर्जा पैदा करते है।
  • तुलसी का पौधा हवा को शुद्ध करता है। यह घर मे रहने वाले लोगो को कई रोगो से दूर रखता है।अनार का पौधा वातावरण को सकरात्मक बनाये रखने में मदद करता है। किसी भी प्रकार के रोग और शोक से मुक्त रहने के लिए नीम का पौधा काम आता है।
  • घर के किसी भी कोने में कचरा जमा होना नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। जिसका प्रभाव घर-परिवार की शांति और समृद्धि पर पड़ता है।
ये भी पढ़े   कैसे सीखें वास्तु शास्त्र? vastu shastra in hindi

[vc_column_text]अत: घर का हर कोना अपना विशेष महत्व रखता है और उनसे जुड़ी दिशाएं भी। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि परिवार से जुड़े हर क्षेत्र में आप सुखी और संपन्न बने रहें और कैरियर को भी बेहतर बना सकें, तो वास्तुशास्त्र के अनुसार ही घर का नक्शा बनवाएं।

Previous Post
optimized-mdac-1200x900
जिंदगी

nabhi chakra in hindi

Next Post
vastu-tips_1542715181
वास्तु

भूखंड से संबंधित वास्तु टिप्स – vastu for plots