[vc_column_text]आज कल लोग संयुक्त परिवार में रहने की बजाय अकेला रहना पसंद करते है जिसके लिए लोग फ्लेटस खरीदते है। आप अपने ऑफिस या काम करने के क्षेत्र से ज्यादा समय अपने फ्लेट में बिताते है, अगर इन स्थानों पर शुख शांति भरा माहोल नहीं मिलता है तो हम अपना काम भी अच्छे तरीके से नहीं कर पाते है। कई बार देखा जाता है की घर की अशांति में वास्तु दोष का होना पाया जाता है। इसलिए आप अगर कोई नया फ्लेट आदि खरीदने की सोच रहे है तो इस बात का विशेष ध्यान रखे की उस में कोई वास्तु दोष तो नहीं है। आज हम इस लेख में इन वास्तु दोष के बारे में बताएंगे जो नया फ्लेट आदि लेने पर आप के सामने आ सकते है। [vc_custom_heading text=”फ्लेट खरीदने से पहले इन बातों का ध्यान रखे – vastu tips for buying new flat” font_container=”tag:h2|text_align:left|color:%23ff0000″][vc_column_text]
- वास्तु के हिसाब से घर का मुख्य द्वार बेहद महत्वपूर्ण होता है। आमतौर पर दक्षिण या पश्चिम में प्रवेश द्वार बनवाने की सलाह नहीं दी जाती, क्योंकि दोपहर के बाद इससे इन्फ्रारेड रेज आती हैं, जो सेहत के हिसाब से नुकसानदायक होती हैं। इसके बजाय उत्तर या पूर्व साइड में प्रवेश द्वार होना चाहिए। इससे दिन के ज्यादातर समय सूरज की रोशनी घर में आती है। सिर्फ फ्लेट के मुख्य दरवाजे का ही नहीं बिल्डिंग का मेन गेट भी वास्तु के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण होता है यह ईस्ट या नॉर्थ दिशा में होना चाहिए। फ्लैट का मुख्य गेट किस अन्य फ्लैट के मुखी गेट की तरह नहीं खुलना चाहिए।
- बेडरूम का आकार वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए आम तौर पर वास्तुशास्त्री इस शेप में ही बेडरूम बनाने की सलाह देते है। फ्लेट का आकार L या C आकार का नहीं होना चाहिए यह आकार अशुभ माना जाता है। बेडरूम दक्षिण-पश्चिमी कॉर्नर में होना चाहिए। इस दिशा में बेडरूम बनाने से शांतिमय माहौल रहता है और नींद अच्छी आती है।
- नॉर्थ-ईस्ट या नॉर्थ-वेस्ट को बच्चों के बेडरूम के लिए बेस्ट पोजिशन बताया जाता है। यह ध्यान रखिए कि खिड़की नॉर्थ दीवार में हो। इस लोकेशन से बेडरूम में पर्याप्त रोशनी आती रहेगी और सूर्य की खतरनाक किरणें से बचाव होगा।
- फ्लेट खरीदते समय ध्यान रखें की शौचालय या बाथरूम दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पूर्व में नहीं होने चाहिए।
- फ्लेट के ठीक सामने सीढ़िया या लिफ्ट नहीं होनी चाहिए इस से घर के सदस्यों की तरक्की रुकती है और घर में आलस्य का वास होता है।
- वास्तु गाइडलाइन्स के अनुसार, साउथ-ईस्ट किचन के लिए सबसे बेस्ट लोकेशन है। जबकि खाना बनाते वक्त ईस्ट डायरेक्शन में खड़ा होना चाहिए। आपको यह भी याद रखना चाहिए कि किचन आपके मेन गेट के सामने न हो।
- वास्तु के अनुसार, टॉयलेट/रेस्टरूम शांत जगह पर बनाना चाहिए। इसे नॉर्थ-वेस्ट कॉर्नर या साउथ-ईस्ट कॉर्नर में बनाना चाहिए। यह ध्यान रखना चाहिए कि पूजा घर, किचन और बाथरूम आसपास नहीं होने चाहिए।
- यदि फ्लेट का वाटर टंक अंडर ग्राउंड है तो उसकी दिशा उत्तर-पूर्व होनी चाहिए और अगर छत पर रखा है तो उसकी दिशा दक्षिण पश्चिम होनी चाहिए।
- फ्लैट में रोशनदान, खिड़की और दरवाजों की संख्या सम यानी 2, 4, 6 इस तरह होना चाहिए।
- यदि फ्लेट में रंग किया हो तो इस बात का ध्यान रखें ही लाल काला या आसमानी रंग नहीं किया जाना चाहिए।
- फ्लेट खरीदते समय ध्यान रखे की मुख्य गेट के सामने कीसी प्रकार की बाधा जैसे बिजली का खंभा, पेड़ अथवा मंदिर आदि न हो।
[vc_column_text]यह वास्तु से संबंधित वह मुख्य बाते है जिस का ध्यान रख कर आप जीवन को खुसहाल बना सकते है और तरक्की के नए आयाम तक पहुँच सकते है।