शिवरात्रि कब है 2023

इस शिवरात्रि कैसे करे भगवान भोलेनाथ को पर प्रसन्न

शिवरात्रि कब है

शिवरात्रि हिंदू धर्म का एक बड़ा त्योहार है। यह त्योहार भगवान शिव को समर्पित है। हर साल यह त्योहार चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस साल 2023 में शिवरात्रि 18 Feb को मनाई जाएगी। यह त्योहार हिन्दू धर्म के लोगों के बीच विशेष धार्मिक उत्साह के साथ मनाया जाता है।

शिवरात्रि व्रत विधि

शिवरात्रि व्रत रखना हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन शिव भक्तों को नहाने के बाद व्रत रखना चाहिए। यह व्रत पूरे दिन तक रखा जाता है और रात्रि में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस दिन शिव भक्त शिवलिंग की पूजा करते हैं और शिवाजी की आरती गाते हैं।

शिवरात्रि का महत्व और पूजा विधि के साथ-साथ, यह त्योहार भक्तों के बीच एक उत्सव का भी रूप ले लेता है। शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है जिसमें लोग शिवलिंग को जल अर्पण करते हैं और शिव को जल, धूप, फूल आदि से अर्चना करते हैं।

शिवरात्रि की पूजा में शिव भक्त शिवलिंग के आसपास पुष्प, दीपक, बेल पत्र, धातु, रुई, दूध आदि की अर्चना करते हैं। इसके अलावा शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के विभिन्न नामों का जप भी किया जाता है। यह दिन शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है जहां वे अपने मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करने के लिए शिव की आराधना करते हैं।

शिवरात्रि की पूजा से पहले शिव भक्त को ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें व्रत रखने की निश्चित तारीख, समय और पूजा विधि का पता होना चाहिए। इसके लिए शिव पुराण, वेद और शास्त्रों से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा और अर्चना करने से शिव भक्त को आनंद और शांति मिलती है।

शिवरात्रि की पूजा के बाद शिवलिंग को जल से स्नान कराकर उसे फूलों से सजाया जा सकता है। इसके बाद आरती करके शिव भक्त शिवलिंग को बिना घूमे घर में रख सकते हैं। इस दिन शिवलिंग को खीर व पूरी आदि भोज खिलाकर भगवान शिव को विशेष भोग अर्पित करते हैं और उनका प्रसाद लेते हैं।

शिवरात्रि के दिन शिव भक्त अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ शिव का वंदन करते हुए शिवलिंग की पूजा करते हैं। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से शिव भक्त को सफलता और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

इसके अलावा, शिवरात्रि के दिन अनेक लोग उपवास भी रखते हैं। इस उपवास के दौरान शिव भक्तों को सभी प्रकार की भोजन सामग्री से दूर रहना चाहिए। उपवास के दौरान शिव भक्त केवल फल, सबुदाना, दूध, दही आदि जैसी सात्विक आहार की चीजें खा सकते हैं।

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इस तरह, शिवरात्रि का त्योहार शिव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन उन्हें शिव की पूजा और अर्चना के द्वारा अपने शरीर और मन को शुद्ध करने का अवसर मिलता है। इसलिए, शिव भक्तों को शिवरात्रि के दिन विशेष ध्यान देना चाहिए और उन्हें इस त्योहार को ध्यान में रखते हुए शिव की पूजा करनी

चाहिए। शिवरात्रि की पूजा में शिवलिंग की आराधना के साथ-साथ शिव की आरती भी की जाती है। शिव की आरती का पाठ करने से शिव भक्त को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

शिवरात्रि की आरती में भगवान शिव की महिमा और उनकी आराधना के लिए गाने जाने वाले गीत होते हैं। इस आरती में शिव की महिमा गान करते हुए शिव भक्त उनके ज्ञान, विवेक, शक्ति और करुणा की प्रार्थना करते हैं।

शिवरात्रि की आरती का पाठ करने से पहले शिव भक्त को एक स्नान करना चाहिए। यदि उनके पास जल नहीं होता है, तो वे शुद्ध रहने के लिए नमक के गुलाबी पानी का उपयोग कर सकते हैं।

शिवरात्रि की आरती के लिए शिव भक्त का सारा सामान तैयार होना चाहिए। उन्हें शिव की मूर्ति के सामने बैठकर शिव आरती का पाठ करना चाहिए। इसके लिए वे दिये, धूप, दीपक, अखंड ज्योत, फूल, गुड़, दूध, चावल, घी आदि की आवश्यकता होती है।

शिवरात्रि की आरती में भगवान शिव के सभी नामों का जप किया जाता है। इस आरती को पूर्णतः पढ़ने के बाद, शिव भक्त दूध, चावल, घी आदि समेत शिवलिंग पर चढ़ावा करते हुए, शिव की आरती का पूर्णाहुति देते हैं।

इस प्रकार शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा-अराधना करने से हमें उनकी कृपा मिलती है और हमारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसे न केवल हिंदुओं बल्कि सभी धर्मों के लोग मनाते हैं। इस दिन के महत्व को समझते हुए हमें अपने आसपास के लोगों को इसके बारे में बताना चाहिए और सभी को इस त्योहार का उत्साह बनाये रखना चाहिए।

इस शिवरात्रि 2023 में, हमें शिव की आराधना करने का उत्साह बनाये रखना चाहिए। हमें इस दिन को ध्यान और धार्मिकता के साथ मनाना चाहिए और अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिए इस त्यौहार के महत्व को समझना चाहिए। शिवरात्रि की आरती गाकर हम भगवान शिव को आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और हमें उनकी कृपा से सम्पन्न होने का अवसर प्राप्त होता है।

शिवरात्रि की पूजा घर में भी कर सकते हैं। यहां घर में शिवरात्रि की पूजा करने के लिए कुछ सरल चरणों की विधि दी जा रही है:

    • साफ़ सफाई पूजा के लिए सभी जगहों को साफ़ सफाई करें। पूजा के लिए एक अलग कमरा तैयार करें।
    • पूजा स्थल की सजावट : पूजा स्थल को सजाएं। आप पूजा स्थल पर रंगोली बना सकते हैं। यदि आपके पास दीपक नहीं है, तो इस स्थान पर एक लाल रंग के कपड़े को फैलाएं और उस पर दीपक रखें।
    • शिवलिंग की स्थापना : शिवलिंग की स्थापना करें। शिवलिंग के लिए घर में किसी भी पारंपरिक चीज का उपयोग किया जा सकता है जैसे कि कच्चे मिट्टी, सोना, चांदी, पारा आदि।
    • शिवरात्रि के व्रत का उदयापन : पूजा शुरू करने से पहले व्रत का उदयापन करें। इसके लिए आपको दीपक जलाना होगा।
    • पूजा : शिवरात्रि की पूजा करें। पूजा के दौरान आप पुष्प, धूप, दीपक, नैवेद्य, अक्षत, जल आदि का उपयोग करना चाहिए 
    • शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद, अपने इष्टदेव का दर्शन करें। शिवलिंग को दूध, जल, धूप और अखंड दिये के साथ पूजना चाहिए।
    • शिवलिंग को फूलों से सजाएं। इसके लिए गुलाब के फूल, चमेली के फूल, लौंग, ईलायची, अखरोट और किशमिश आदि का उपयोग कर सकते हैं।
    • अब आरती करें। शिव आरती के लिए आप महिमा शिवाना पढ़ सकते हैं।
    • आरती करने के बाद, प्रसाद तैयार करें। शिवरात्रि के व्रत में शाकाहारी व्यक्ति बनाए तो उन्हें सिंदूर, अखरोट, मिश्री, दूध के साथ थंडाई, सबुदाना खीर, बादाम का हलवा, फल आदि प्रसाद के रूप में खिलाया जा सकता है।
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शिवरात्रि के व्रत में रात को क्या खाएं

शिवरात्रि के व्रत में रात्रि के वक्त कुछ खाने से बचना चाहिए क्योंकि शिवरात्रि का व्रत एक निर्जला व्रत होता है जिसमें पानी भी नहीं पिया जाता है। लेकिन अगर आपको भूख लगती है तो आप निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को खा सकते हैं

शिवरात्रि के व्रत में क्या खाए

शिवरात्रि के व्रत में भोजन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए इस दिन आमतौर पर व्रत के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है। इनमें से कुछ विकल्प निम्न हैं:

  1. फल: शिवरात्रि के दिन फलों का सेवन अधिक महत्वपूर्ण होता है। सभी प्रकार के फलों का सेवन कर सकते हैं।
  2. साबुदाना: शिवरात्रि के दिन साबुदाना खाया जा सकता है। साबुदाना की खिचड़ी या साबुदाना के पापड़, साबुदाना की खीर इत्यादि बनाकर खाया जा सकता है।
  3. दूध और दूध से बनी चीजें: शिवरात्रि के दिन दूध या दूध से बनी चीजें जैसे की दूध की खीर, दूध और दही का मिश्रण आदि खाया जा सकता है।
  4. सब्जियां: शिवरात्रि के दिन व्रत करते समय शाकाहारी भोजन कर सकते हैं। आप सब्जियों का सेवन कर सकते हैं जैसे कि आलू, बैंगन, लौकी, शिमला मिर्च आदि।
  5. द्रक्षा: शिवरात्रि के दिन द्रक्षा खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और यह व्रत करने वालों के लिए बहुत फायदेमंद है ।
  6. शिवरात्रि के दिन फल मिश्रित दही भी खाया जा सकता है। दही में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन ए और विटामिन डी होते हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
  7. खजूर भी शिवरात्रि के दिन खाए जा सकते हैं। यह एक उत्तम खाद्य पदार्थ है, जो ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है और भूख को दूर करता है।
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यदि आप शिवरात्रि के दिन व्रत करते हैं, तो ऊर्जा के साथ-साथ आपके स्वास्थ्य के लिए यह भी अच्छा होगा। आप उपरोक्त खाद्य पदार्थों के साथ साथ अन्य खाद्य पदार्थ जैसे कि साबुत अनाज, मखाने आदि भी खा सकते हैं। व्रत के दौरान समय-समय पर पानी पीना बहुत जरूरी है जिससे आपके शरीर की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

इस दिन आपको तलाशते समय सम्भवतः कुछ भी खाने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपका भोजन व्रत के नियमों एवं आपके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बना हुआ हो। शिवरात्रि के दिन व्रत करना एक धार्मिक परंपरा है जो वर्ष के पांचवें महीने में आती है। व्रत करने से सफलता की प्राप्ति, स्वास्थ्य, धन समृद्धि और सुख-शांति होती है।

 

Shivratri Aarti : शिवरात्रि आरती

आ गई महाशिवरात्रि पधारो शंकरजी
हो पधारो शंकर जी आरती उतारें
पार उतारो शंकरजी हो उतारो शंकर जी

तुम नयन नयन में हो, मन धाम तेरा
हे नीलकंठ है कंठ, कंठ में नाम तेरा
हो देवों के देव, जगत में प्यारे शंकर जी

तुम राज महल में, तुम्ही भिखारी के घर में
धरती पर तेरा चरण, मुकुट है अम्बर में
संसार तुम्हारा एक हमारे शंकर जी

तुम दुनिया बसाकर, भस्म रमाने वाले हो
पापी के भी रखवाले, भोले भाले हो
दुनिया में भी दो दिन तो गुजारो शंकर जी

क्या भेट चदाये, तन मैला वर सुना
ले लो आंसू के गंगाजल का हैं नमूना
आ करके नयन में चरण पखारो शंकर जी

Shivratri Aarti In English

Aagyi Mahashivratri Padharo Shankarji,
Ho Padharo Shankarji, Aarti Utare
Paar Utaro Shankarji, Ho Utaro Shankarji

Tum Nayan Nayanme Ho Man Man Me Dham Tera.
He Neelkanth Hai Kanth Kanth Me Naam Tera,
Ho Devon Ke Dev Jagat Ke Pyare Shankarji.

Tum Raj Mahal Me, Tum Hi Bikhari Ke Ghar Me,
Dharti Per Tera Charan Mukut Hai Ambar Pe.
Sansar Tumhara Ek Hamare Shankarji,

Tum Duniya Besa Kar Bharam Ramane Wale Ho.
Papi Ke Bhi Rakhwale Bhole Bhale Ho,
Duniya Me Bhi Do Din To Gujaro Shankarji.

Kya Bhent Cherhaye Tan Maila Ghar Suna Hai,
Le Lo Aansoo Ke Gangajal Ka Namuna Hai.
Aakerke Nayan Me Charan Pakharo Shankarji.

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