कालसर्प दोष क्या है?
अगर आप अपने जीवन में बहुत संघर्ष और मेहनत कर रहे है लेकिन फिर भी आपको सफलता नहीं मिल रही है और आपके काम बनते बनते रह जाते है तो आपकी कुंडली में काल सर्प दोष हो सकता है, और इसका निवारण करना बहुत जरुरी है।
कालसर्प दोष के लक्षण
विवाहित/विवाह योग्य लोगो पर काल सर्प दोष का असर
- संतान नहीं होना।
- गर्भपात होना।
- सन्तान होकर उसका जल्दी खत्म हो जाना।
- सन्तान की उन्नति नहीं होना।
- विवाह नहीं होना।
- विवाह हो गया है तो वैवाहिक जीवन अस-व्यस्त रहना और रिश्तों में तनाव रहना।
- रोजाना घर में लड़ाई-झगड़े होना।
- ज्यादातर घर की महिलाओं को दिक्कत होना।
- मांगलिक कार्यों में बाधा आना।
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- मेहनत करने के बावजूद भी उसके अनुरूप फल प्राप्त नहीं होना।
- बार-बार व्यापार में हानि होना।
- अपने ही लोगों द्वारा ठगा जाना।
- बिना वजह लोगों के ताने सुनना और कलंकित होना।
- स्वास्थ्य खराब रहना। बहुत सारे इलाज के बावजूद भी सही ना हो पाना।
- बार-बार दुर्घटना होना या चोट लगना।
- अच्छे काम आप करो लेकिन उसका यश किसी और को मिल जाना।
- रात को डरावने सपने आना। सपने में नाग-नागिन, काली स्त्री, विधवा महिला, बरात, जल में डूबना, मुंडन आदि का दिखना।
- पढ़ाई में रूकावट आना या पढ़ाई बीच में छुट जाना।
- नौकरी ना मिल पाना।
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जानिए कालसर्प दोष में किन किन देवताओं की पूजा की जाती है
कालसर्प दोष की पूजा
वैसे तो काल सर्प दोष की पूजा करने के लिए आपको कुछ विशेष स्थानों पे जाना पड़ता है परन्तु अगर आप नहीं जा सकते है तो कुछ घरेलू उपाय करके भी ग्रह शांति कर सकते हैं ।
- चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा बनाकर उसकी पूजा करके जल में बहायें।
- नारियल पर भी नाग-नागिन का जोड़ा बनाकर मोली से बांधकर जल में बहायें।
- सपेरे को पैसे दे और नाग को जंगल में आजाद कराएँ।
- ऐसे शिव मंदिर जाएँ जहां शिवलिंग पर नाग ना हो वहां पर प्रतिष्ठा करवाकर नाग चढ़ाएं।
- भगवान भोलेनाथ को चंदन तथा चंदन का इत्र चढ़ाएं।
- नागपंचमी के दिन शिव मंदिर की सफाई करें और उसकी मरम्मत करवाएं।
- ‘नागेन्द्र हाराय ॐ नम: शिवाय’ और ‘ॐ नागदेवतायै नम:’ या नागपंचमी मंत्र ‘ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नौ सर्प प्रचोद्यात्।’ मन्त्र का जाप करें।
- शिवजी को विजया, अर्कपुष्प, धतुर पुष्प, फल चढ़ाएं।
- सोमवार के दिन रोजाना शिव मंदिर जाकर रुद्राभिषेक करवाएं।
- शिवरात्रि पर शिवजी का महाभिषेक करवाएं।
- सुबह और शाम को रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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- अपने वजन के बराबर कोयले पानी में बहायें।
- रोजाना गाय के मूत्र से दांत साफ़ करें।
- नहाते समय मुहं पूर्व दिशा में रखें।
- सूर्योदय और सूर्यास्त के समय कुछ ना खाएं सिर्फ पानी पी सकते है।
- अपने घर में मंदिर में मोरपंख रखें।
- जरुरतमन्द व्यक्ति को अन्नदान करें।
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- पैर फैलाकर भोजन ना करें। इससे अन्न का भी अपमान होता है।
- थाली में झूठा ना छोड़ें।
- भोजन के बाद पेट पर हाथ ना फेरें।
- अपने काम से किसी का दिल ना दुखाएं।
- किसी को कुछ गलत ना बोले जिससे उस बुरा लगे।
- कभी भी किसी की बेज्जती ना करें।