वास्तु के अनुसार पूजा घर
वास्तु के अनुसार हर घर मे पूजा घर होना चाहिए। घर मे पूजा घर बनाने से घर मे सकारात्मक ऊर्जा आती रहती है। इससे हमारे घर मे सकारात्मक ऊर्जा, प्रगति और शांति बढ़ती है। पूजा के कमरे का डिजाइन करते वक़्त वास्तु का बड़ा ध्यान देना चाहिए ताकि जब हम इस कमरे मे ध्यान करे तो सिर्फ सकारात्मक ऊर्जा ही आकर्षित करे। वास्तु के अनुसार पूजा घर सही ना होने की वजह से आप चाहे कितना भी ध्यान करे कभी भी मानसिक शांति का अनुभव नहीं कर पाएंगे ।
वास्तु के अनुसार पूजा घर, पूजा रूम वास्तु टिप्स
वास्तु के अनुसार पूजा घर बनाने के लिए कुछ नियमो का पालन करना जरूरी है :
- पूजा रूम हमेशा या तो उत्तर, पूर्व या फिर उत्तर पूर्व दिशा मे ही होना चाहिए।
- पूजा करते वक़्त आपका मुख या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए।
- वास्तु के अनुसार घर के पूजा घर में बड़ी मूर्तियां नहीं होनी चाहिए, अगर आप रखना चाहते है तो उसकी उचाई ना तो 9 इंच से ज्यादा और ना ही 2 इंच से कम होनी चाहिए।
- पूजा घर हमेशा पूजा करने वाले के छाती का स्तर तक होना चाहिए चाहे वो इंसान खड़ा हो या बैठा हुआ हो।
- पूजा घर कभी भी बैडरूम या बाथरूम के बाजु में नहीं होना चाहिए
- पूजा घर मे अंदर जाने से पहले हमेशा अपने हाथ और पैर धोने चाहिए।
- वास्तु के अनुसार पूजा घर का डिज़ाइन पिरामिड जैसी संरचना होना चाहिए। ऐसा संरचना होने से घर मे ज्यादा से ज्यादासकारात्मक ऊर्जाआती है।
- वास्तु के अनुसार पूजा घर ग्राउंड फ्लोर पे होना चाहिए। पूजा घर कभी भी बेसमेंट या ऊंचे फ्लोर पे नहीं होना चाहिए।
नए घर के लिए वास्तु टिप्स
- नए घर मे पूजा घर बनाते वक़्त पूजा घर की दिशा हमेशा सही रखना चाहिए।
- पूजा घर का दरवाजा सही दिशा मे खुलना चाहिए।
- भगवान् की तस्वीर रखने की जगह और दिशा वास्तु के अनुसार होनी चाहिए।
- पछिम मुखी घर मे भगवन की तस्वीरें हमेशा या तो उत्तर या पूर्व दिवार की तरफ ही होनी चाहिए। इसके साथ यह और ध्यान रखे की इस दिवार के पीछे शौचालय या रसोईघर ना हो।
- वास्तु के अनुसार पूजा घर का रंग सफ़ेद, हल्का पीला और हल्का नीला करवा सकते हैं ।
- पूजा का सामान रखने के लिए जो जगह आप इस्तेमाल कर रहे है वो दक्षिण या पछिम दिशा मे होनी चाहिए।
- नए घर मे पूजा घर बनाते वक़्त उत्तर पूर्व दिशा मे हमेशा खिड़की रखनी चाहिए ताकि सूरज की रौशनी अंदर आती रहे।
- पूजा घर के दरवाजे हमेशा अच्छी लड़की के और २ दरवाजे जैसे होने चाहिए ।
- पूजा घर के दक्षिण पूर्व या पूर्व दिशा मे आप एक दिया या लैंप लगा सकते है।
- पूजा घर के दक्षिण पूर्व दिशा मे एक अग्निकुंड भी रख सकते है।
- सीढ़ियों के नीचे कभी भी पूजा घर नहीं बनाना चाहिए।
पूजा घर में भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए ?
- भगवान् की तस्वीर इस तरीके से रखी होनी चाहिए की जब आप पूजा करो तो आपका मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। पछिम दिशा दूसरी सबसे शुभ दिशा है।
पूजा घर को कैसे सजाए ?
- पूजा घर के हमेशा दो दरजे होने चाहिए एक की जगह। पूजा करते वक़्त यह दोनों दरवाज़े बहार की तरफ खुलने चाहिए। ऐसे दरवाज़े जगह भी कम लेते है और मुसीबत भी नहीं बनते।
- भगवान की मूर्ति कभी भी जमीन पे नहीं रखनी चाहिए। वास्तु के अनुसार मूर्तियां हमेशा या तो किसी टेबल पे या शेल्फ पे या दिवार के सहारे लगनी चाहिए।
- कभी भी भगवान की 2 मूर्तियां एक दूसरे के सामने नहीं रखनी चाहिए। कभी भी एक दूसरे के सामने वाली दिवार पे भगवान की तस्वीर नहीं लगनी चाहिए।
- भगवान के ऊपर वाली छत्त कभी भी ज्यादा ऊँची नहीं होनी चाहिए। मूर्ति से थोड़ी सी ही ऊपर होनी चाहिए।
- मूर्तियां रखते वक़्त कम से कम दिवार से 1 इंच की दूरी पर होनी चाहिए।
- पूजा घर में हमेशा साफ़ सफाई होनी चाहिए ताकि कोई कीड़े मकोड़े उसमे प्रवेश नर कर सकते ।
हम आशा करते है आपको पूजा घर से जुड़े वास्तु के सभी नियम समझ आगये होंगे अगर आपको ये पोस्ट पसंद आयी तो कृपया इसे अपने दोस्तों से जरूर शेयर करें धन्यवाद ।